Wednesday, July 15, 2009

२०-२० सब जल्दी में है

जी हां आज ज़माना २०-२० का है टेस्ट मैच में बदलाव आएगा ४ दिन का होगा सब बदल देंगे क्यूंकि बदलाव इस संसार का नियम है नया फॉर्मेट लायेंगे टेस्ट को दिन रात का करेंगे क्यूँ न करे बड़े लोगो को लगता है कि रोमांच ख्त्म हो रहा है लेकिन कहते है न 'ओल्ड इज गोल्ड ' वसे ही दखने को मिला जब इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को जीतने नही दिया बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज को हराया तब इसी पुराने टेस्ट मैच ने रोमांच भर दिया कौन जीतेगा हम आगे बढ़ रहे है शायद ज़्यादा लोगआए देखतेहै क्या बदलाव होगा लोग टेस्ट मैच के लिए समय निकलेंगे नही हम यही है और आप सब भी

Wednesday, July 8, 2009

लोगो का प्यार सिर्फ़ एक खेल क लिए ही क्यों

जी हां मेरे इस शीर्षक से पता ही चल गया होगा की मैं किस खेल की बात कर रही हूँ हम वर्ल्ड कप हारे तब परेशां हो गये ख़ुद ही उस हार की वजह बताने लगे और हल भी हम क्यूँ ना बताये क्योंकि हम भारतीयों को किसी भी बात का हल पता होता है जैसे ही टीम ने वेस्टइंडीज में सफलता पाई सब कुछ ठीक हो गया पर इस सब से दूर महिला हॉकी टीम रशिया से कप जीत कर लायी तब कोई पत्रकार वहा मौजूद न था इसलिए की वो शायद हॉकी टीम थी मैं भी शायद आप लोगो से अलग नही हूँ क्यूंकि अगर सब यह समझ रहे की मैंने क्या किया जो मैं इतना सब कह रही हूँ तो सच में मैंने कुछ भी नही किया लेकिन यह लिखते समय मुझे अफ़सोस है काश मैं कुछ कर पाती मैं शायद भारतीय समयके हिसाब से यह पहले लिख पाती अब तो सब ही भूल गए की हमारी टीम ने कोई कप जीत के भी लायी थी फिर भी मैं याद दिला देती हूँ कीहमारी टीम ने अजलान शाह जीता था !

Thursday, March 26, 2009

क्या लिखा है !!!!!!!
क्या अवसरवादी राजनीति हावी हो गई है?
विश्वास मत का दिन जैसे जैसे क़रीब आता जा रहा है वैसे वैसे सरकार और विरोधी खेमे के दिलों की धड़कनें तेज़ होती जा रही हैं.हालांकि दावा तो दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी जीत का कर रहे हैं लेकिन आँकड़ों के इस खेल में आख़िरकार ऊंट किस करवट बैठेगा ये कहना बहुत मुश्किल है.संसदीय प्रणाली में सरकार का विश्वास मत हासिल करना कोई नई बात नहीं है लेकिन जिस परमाणु मुद्दे पर वामपंथी दलों ने समर्थन वापस खींचा, वह राजनीति की इस दौड़ पीछे छूट गया लगता है.सरकार गिराने और बचाने का जो खेल चल रहा है, उसमें सांसदों की ख़रीद फरोख़्त, क्षेत्रीय राजनीति और आगामी लोक सभा चुनावों के समीकरण हावी हो गए लगते हैं.विश्वास मत की मौजूदा राजनीति के बारे में आपकी क्या राय है? भारत-अमरीका परमाणु समझौता राष्ट्रहित का मामला है या फिर इस मुद्दे पर अवसरवादी राजनीति हावी हो गई है? इस बारे में आपकी क्या राय है

कहो दिल से

आज का हमारा अनुभव महान था दो दिन हमे सेमिनार मे सिखाया गया हमने कम्प्युटर के बारे मे जाना हमने कोशिश की मज़ा आया आगे भी ऐसे सेमिनर होते रहे तो सही रहेगा सर ने बहुत कोशिश की